स्कूल के प्राचार्य से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने भी स्वीकार करते हुए कहा शौचालय जर्जर और गंदा है।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लाखों रुपए खर्च करके सवारा गया है, ऐसा सरकारी आंकड़ा शिक्षा विभाग बता रहा है। लेकिन दयालबंद के मल्टीपर्पस स्कूल की व्यवस्था देखकर लगता है कि पैसे का उपयोग केवल कागजो में ही हुआ है। बोर्ड परीक्षा देने आए दूसरे स्कूल के छात्रों ने बताया कि यहां सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है। टूटा फूटा गंदा शौचालय जाने की इच्छा नहीं होती, यहां बीमारियों का खतरा बना हुआ है।

जिस वजह से नेचर कॉल रोककर परीक्षा देना पड़ रहा है। नाम बड़ा है लेकिन अंदर की व्यवस्था बदहाल है। जब स्कूल के प्राचार्य से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने भी स्वीकार करते हुए कहा शौचालय जर्जर और गंदा है । अब ऐसे में जब स्कूल की मुखिया ही व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हो रही हैं, इससे पूरे शिक्षा विभाग पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है कि स्कूल सवारने ख़र्च राशि कहा गया। जांच किया जाए तो करोड़ो का घोटाला सामने आ सकता है।