
दर्रीघाट में नशे में धुत कार चालक ने चार लोगों को रौंद दिया, जिसमें एक की मौत हो गई और तीन गंभीर घायल हैं।घटना के विरोध में मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने रविवार सुबह नेशनल हाईवे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया।जाम के कारण हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। प्रशासन द्वारा तत्काल 25 हजार रुपए की मदद और घायलों के प्राइवेट अस्पताल में इलाज का आश्वासन देने पर प्रदर्शन समाप्त हुआ।

शनिवार शाम बिलासपुर के दर्रीघाट इलाके में एक तेज रफ्तार कार ने चार राहगीरों को कुचल दिया। कार को नशे में धुत युवक प्रणय जुनेजा चला रहा था। इस हादसे में 30 वर्षीय सनत कुमार टंडन की मौके पर मौत हो गई, जबकि विकास वर्मा, सुरेश बर्मन और एक महिला गंभीर रूप से घायल हुए। कार से शराब और बीयर की बोतलें बरामद की गईं।घटना से आक्रोशित मृतक के परिजन और स्थानीय लोग रविवार सुबह से ही मस्तूरी मार्ग पर स्थित नेशनल हाईवे-30 पर शव रखकर चक्काजाम करने बैठ गए।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही और सड़कों की खराब स्थिति की वजह से यह हादसा हुआ।प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा मिले और घायलों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में कराया जाए।दिनभर चली इस चक्काजाम के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।कई घंटे तक हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप रहा। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहे।

माहौल तनावपूर्ण बना रहा।शाम तक जिला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।अंततः प्रशासन की ओर से तत्काल 25 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने और घायलों के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने का लिखित आश्वासन दिया गया।इस आश्वासन के बाद परिजन और ग्रामीण शव को रास्ते से हटाने को राजी हुए और चक्काजाम समाप्त किया गया। जाम खत्म होते ही हाईवे पर खड़ी वाहनों की कतार धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी और यातायात सामान्य हो गया।

वहीं पुलिस ने आरोपी कार चालक प्रणय जुनेजा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने की धाराओं में केस दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।मामले की जांच जारी है।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाने, सिग्नल और चेतावनी बोर्ड लगाने जैसे स्थायी समाधान की भी मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।