
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर दर्ज मुकदमे और दलित छात्रों से संवाद पर प्रतिबंध के खिलाफ जन आक्रोश लगातार तेज होता जा रहा है जिसके विरोध स्वरूप शनिवार को नेहरू चौक पर युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।विपक्ष की आवाज़ को दबाएंगे और सत्ता के विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को कुचलने की कोशिश करेंगे, तो हम सड़क से संसद घेराव किया जाएगा। लोकतंत्र बचाने की लड़ाई अब राहुल गांधी के नेतृत्व में और भी तेज होगी दलित छात्रों से संवाद पर रोक लगाना यह दर्शाता है कि सरकार शिक्षा और विचारों के विस्तार से डरती है जिसमें आज प्रतीकात्मक पुतला दहन कर विरोध जताया गया। लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज़ दबाना तानाशाही का संकेत है।

राहुल गांधी पर मुकदमा दर्ज करना न सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ भी खुला हमला है। भारत में सामाजिक न्याय आकर ले कर रहेगा और राहुल गांधी इस आंदोलन के न्याय योद्धा हैं।बिहार में शिक्षा न्याय संवाद में बिहार की खोखली शिक्षा व्यवस्था पर बात करने गए थे। बिहार सरकार ने उनके इस कार्यक्रम को रोकने के लिए पूरा प्रयास किया।बिहार की जद(यू)-भाजपा सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को तबाह कर दिया है।छात्रों को सुविधाओं के नाम पर सिर्फ झूठ और जुमले परोसे जा रहे हैं। इस प्रकार से कार्यक्रम को रोकना तानाशाही की पराकाष्ठा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब दलित, वंचित, पिछड़े वर्ग के छात्रों से संवाद करना संविधान के खिलाफ है। राहुल गांधी के पीछे युवाओं की शक्ति है। इस प्रकार की एफआईआर से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।