छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बिलासपुर प्रवास के दौरान मीडिया ने सवाल उठाया था कि लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था चरमराई हुई है। इस पर सरकार गंभीरता दिखाते हुए बिलासपुर में एडीजी प्रदीप गुप्ता को पुलिस विभाग में कसावट लाने और अपराधियों के हौसले को ध्वस्त करने के लिए रणनीति बनाने के लिए भेजा गया है। इस दौरान आईजी एसपी एवं राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहे।

बिलासागुड़ी में सोमवार को एडीजी ने बिलासपुर रेंज आईजी, एसपी सहित जिले भर के राजपत्रित पुलिस अधिकारियों समेत थानेदारों की जमकर क्लास ली और इस दौरान उन्होंने बिलासपुर जिले में लगातार बढ़ रहे अपराधी घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए दो टूक में प्रदीप गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर और चिंतित है। ऐसे में बिलासपुर पुलिस के परफॉर्मेंस निराशाजनक सरकार को रिपोर्ट में मिल रहे हैं।रेंज सहित जिले की बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रदीप गुप्ता ने साफ तौर पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया है। वहीं एडीजी से जब मीडिया के साथियों ने बातचीत करने की कोशिश की तो इस बैठक को पूरे तौर पर प्रदीप गुप्ता गोपनीय रखना चाहते थे और आंतरिक बताकर मीडिया में कुछ कहने से बचते हुए नजर आए, हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी लेकिन बात तो साफ है की सरकार बनने के बाद पहली दफा है कि एडीजी प्रदीप गुप्ता पुलिस अधिकारियों की बैठक लेने आए हुए थे।

इससे साफ जाहिर है की लचर पुलिसिंग और बेसिक पुलिसिंग से भटके पुलिसिंग को पटरी पर लाने के लिए प्रदीप गुप्ता सख्त अंदाज में मीटिंग लेते हुए भी नजर आए।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खराब लॉ एंड आर्डर को लेकर उल्टे कांग्रेस पर हमला बोला था। उन्होंने बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडे द्वारा तारबाहर थाने के उद्घाटन कार्यक्रम में गृह मंत्री की मौजूदगी में थानों में रेट लिस्ट वाले बयान को याद दिलाया और बताया कि कांग्रेस के समय में ही आपराधिक घटनाएं ज्यादा हुई थी। लेकिन वर्तमान हालात पुलिस की कमजोरी नजर आ रही है।
